धार्मिक और सामाजिक संगठन
सनातन धर्म जागृति विकास परिषद (रजि०) एक धार्मिक एवं सामाजिक संगठन है, यह सनातन धर्म, संस्कृति और राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए सनातन धर्म के प्रचार, प्रसार और हिन्दूओं को जागरूक करने का कार्य करता है।
सनातन धर्म जागृति विकास परिषद (रजि०) सम्पूर्ण भारत वर्ष में निवास करने वाले सभी सनातनीयो ( हिन्दूओं) को एकता के सूत्र में पिरोकर उनमें आपसी सम्बन्धों को बल प्रदान करना एवं देश के सभी सनातनी भाईयों का एक दूसरे से परिचित कराना है, साथ ही अपने आत्मीय जनों को धार्मिक एवं सामाजिक रूप से जागरूक करते हुए उन्हें अपने धर्म एवं राष्ट्र विरोधियों के षड्यंत्रों से परिचित कराते हुए अपने भारत वर्ष के स्वर्णिम इतिहास एवं संस्कृति के महत्व को पुनः स्थापित करना है।
सनातन धर्म के सिद्धांत
संगठन धार्मिक तत्वों की रक्षा करता है और उनके प्रचार के लिए के लिए प्रयास कर रहा है।
संगठन लोगों को सनातन धर्म की महत्ता समझाने के लिए प्रेरित करता है।
संगठन समाज को आध्यात्मिकता और प्राचीन विचारधारा की ओर प्रवृत्त करने के लिए प्रयास कर रहा है।
संगठन सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रचार-प्रसार हेतु गतिविधियाँ संचालित करता है।
संगठन शिक्षा की बेहतर डिलीवरी और गुणवत्ता को सुविधाजनक बनाना, प्रशिक्षण और सलाह सहायता, ऑनलाइन शिक्षण और सीखने के संसाधन प्रदान करता है।
संगठन सामाजिक सेवाओं को अपनाकर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है।
मुख्य कार्य
1. हिंदू समाज की गरीब लड़कियों की शादी कराना।
2. हिंदू समाज के दिव्यांग लोगों की सहायता करना।
3. हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहार सभी के साथ मिलकर मनना।
4. हिंदू समाज के गरीब बच्चों को ड्रेस, कॉपी, पेंसिल, जुराब एवं जूते आदि उपलब्ध कराना।
5. राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त, 26 जनवरी व अन्य राष्ट्रीय पर्व का आयोजन करना।
6. भारतवर्ष के महापुरुषों और शहीदों की जयंती मनाना।
7. समय-समय पर हिंदुओं को जागृत करने के लिए सम्मेलन का आयोजन करना।
8. धर्म परिवर्तन के विरोध में हिंदुओं को जागृत करना।
9. देश में रह रहे अवैध रूप से घुसपैठियों को जल्द से जल्द उनको देश भेजने के लिए समय-समय पर आवाज उठाना।
10. सी.ए.ए, एन.आर.सी. जैसे कानूनों का समर्थन करना।
11. देश में जनसंख्या नियंत्रण पर सख्त कानून बनाने के लिए समय-समय पर आंदोलन करके सरकार से संसद में बिल बनाने की मांग करना ।
12. समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाना, मेडिकल कैंप लगाकर निशुल्क दवाइयों का वितरण करना।
लक्ष्य
1. हिन्दू राष्ट्र हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है।
2. आतंकवाद व कट्टरवाद का कड़ा विरोध करना।
3. हिन्दुस्तान में केवल हिन्दुओं को नागरिक अधिकार व मताधिकार शासकीय प्रशासकीय नौकरियों में अचल सम्पत्ति रखने खरीदने व बेचने का अधिकार केवल हिन्दुओं को ही होना चाहिए।
4. निःशुल्क व समान शिक्षा, निःशुल्क स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जायेगी।
5. धर्म परिवर्तन पर कानूनी प्रतिबन्ध/विदेशी धार्मिक प्रचार व आर्थिक सहायता पर प्रतिबन्ध लगाया जायेगा।
6. शीघ सुलभ न्याय की निःशुल्क व्यवस्था की जायेगी।
7. जाति विहीन समाज की रचना करना।
8. दहेज प्रथा की समाप्ति व स्त्रियों के मान सम्मान की रक्षा करना व सुरक्षा उपलब्ध कराना।
9. गौहत्या पर सम्र्पूण भारत वर्ष में पूर्ण प्रतिबन्ध।
10. हिन्दू धार्मिक स्थलों का पुरात्व विभाग की सूचीनुसार पुनः निर्माण को मान्यता देना।
11. भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करना।
12. देशद्रोह व असभ्य अपराध पर कठोर कानून लाना के लिये।
13. वक्फ बोर्ड जैसे काले कानून को समाप्त करना चाहिए क्योंकि यह हिन्दूओं की जमीन को बिना कागज दिखायें ले सकता है, लेकिन हिन्दूओं के पास जमीन के कागज होने के बावजूद उस कागज का कोई महत्व नहीं है और वह अपनी जमीन के लिए न्यालय भी नहीं जा सकता है, इसलिए अपने आने वाले बच्चों एवं अपनी सम्मति बचाने के लिए संगठन इस काले कानून को हटाने के लिए पूर्ण प्रयास करेंगे ।
14. मुस्लिम समुदाय को अल्पसंख्यक के साथ पिछड़ा वर्ग का दोहरा फायदा मिल रहा है, लेकिन हिन्दूओं को सिर्फ अल्पसंख्यक या पिछड़ा वर्ग एक ही फायदा मिल रहा है, जिससे अल्पसंख्यक हिन्दूओं के समानता के अधिकार का हनन हो रहा है, संगठन की कोशिश रहेगी कि या तो अल्पसंख्यक हिन्दूओं को भी दोनों अधिकार मिले अथवा मुस्लिम समुदाय को भी एक ही वर्ग का फायदा मिले।
15. हिंदू समाज को मजबूत करना हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्द्धन और प्रचार विदेशों में रहनेवाले हिंदुओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना और मदद करना।
धर्मवीर कर्म
1. आपस में एक दूसरे से मिलने पर जय जय श्री राम कहकर अभिवादन करना।
2. बैठक से पूर्व गायत्री मंत्र का उदघोष करना।
3. प्रत्येक सनातन धर्म वीर व पदाधिकारी का प्राथमिक सदस्य होना।
4. हिन्दुस्तान की एकता अखण्डता में पूर्ण विश्वास।
5. संगठन के प्रति पूर्ण निष्ठा व पदाधिकारियों पर पूर्ण विश्वास कर आदेशों का पालन करना।
6. दहेज रहित व जाति विहीन समाज की रचना करना।
7. माता-पिता तथा गुरू की आज्ञा का पालन व सम्मान करना।
8. आपस में निन्दा चुगली का त्याग कर हिन्दूओं को सम्मान देना व निर्भीक रहना।
9. धार्मिक उत्सवों को मनाना व उनमें भाग लेना, अपने क्षेत्र के मन्दिरों की रक्षा करना।
10. केवल हिन्दूओं को अपना अभिन्न मित्र बनाना।
11. समाज में बढ़ रही कुरीतियों को दूर करना समाज में अन्धविश्वास व आडम्बरों का विरोध करना।